तेज़ रफ्तार से चल रही दुनिया अचानक से थम सी गई है, दुनिया भर में हाहाकार मचा हुआ है. लोग डरे हुए हैं सहमे हुए हैं हर कोई सोच रहा है। कोरोना का यह खौफ़ आखिर कब तक दिलों को दहलाता रहेगा. दुनिया के बड़े-बड़े देशों में लोग अपने घरों में ही कैद हो गए हैं. अंतराष्ट्रीय उड़ानें रद हो रही हैं, सरकारें परेशान हैं, कोई इलाज मिलता नहीं दिख रहा है, दिनों-दिन यह वायरस पूरी दुनिया में अपना पैर पसारता दिख रहा है। अब तक लगभग 170 देशों में कोरोना वायरस ने कोहराम बरपा कर दिया है। 11 हज़ार से अधिक लोगों की जान तक ले बैठा है यह वायरस। लेकिन अभी तक किसी को भी इस बात का अंदाज़ा नहीं है कि यह कब खत्म होगा और इसपर कंट्रोल कब तक पाया जा सकेगा। यह वायरस अभी और कितना दहशत फैलाएगा इसके बारे में कुछ भी ठीक-ठाक नहीं कहा जा सकता है।
आप बेहतर जानते हैं कि कोरोना वायरस ने भारत में भी अपना कहर दिखाना शुरु कर दिया है। लेकिन भारत क्या सच में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तैयार है। इसपर चर्चा ज़रुर होनी चाहिए. हम यहाँ भारत की कोरोना वायरस से जुड़ी हर तैयारियों की बात करेंगे, क्या खामियां हैं और क्या खूबियां हैं। इसका फैसला आप खुद करिएगा......
भारत में कुल 747 जिले हैं ये हैरत की बात नहीं है, बल्कि हैरत की बात यह है कि इनमें से सिर्फ 52 शहरों में ही टेस्ट सेंटर है , जहाँ कोरोना वायरस की जाँच की जा सकती है, ज़रा ठहरिये और सोचिए क्या हम सिर्फ 52 लैबों के साथ इस खतरनाक वायरस से लड़ सकते हैं...... बाज़ारों से मास्क और सेनेटाइज़र कैसे कम हो गए और कैसे उनका गोरखधंधा होने लगा। यह तो सभी ने देख लिया। मगर क्या यह मास्क ही हमें इस वायरस से बचा ले जाने के लिए काफी है। यह भी तो एक सवाल ही है.
भारत सरकार ने इतनी तेज़ी के साथ लोगों को जागरुक किया ये सराहनीय है। लेकिन आज जब मैं यह रिपोर्ट तैयार कर रहा हूँ तब भारत में 300+ कोरोना वायरस के पाज़िटिव मरीज़ हैं। ये भी सरकार की ही लापरवाही है। भारत सरकार ने जितनी तेज़ी के साथ अब कदम उठाए हैं वह कदम बहुत पहले उठाने की ज़रुरत थी. आँकड़ों के अनुसार भारत में अभी तक जितने भी मरीज़ सामने आए हैं। वह हाल ही में विदेश की यात्रा करके भारत में आए हैं। ऐसे में अगर शुरु में ही भारत सरकार ने एहतियात बरत लिया होता और हर विदेश से आने वाले लोगों की सख्ती से जाँच की जाती तो शायद यह दुर्दशा नहीं होती.
कोरोना वायरस का टेस्ट कौन करा सकता है इसके लिए भी बाकायदा एक एडवाइजरी भारत सरकार की ओर से जारी की गई है। तो कौन -कौन कोरोना वायरस की जाँच करा सकता है यह भी आप जान लीजिए.
1. वह व्यक्ति जो वायरस से ग्रसित देश (चीन, इटली, ईरान, जापान आदि) की यात्रा करके हाल ही में भारत आया हो.
2. वह व्यक्ति जिन्हें बुखार के साथ गले में खराश हो और सूखी खाँसी (बिना बलगम के) आती हो, नाक बहती हो और साथ ही छींक आती हो.
3. वह व्यक्ति जो कोरोना पाजिटिव मरीजों के संपर्क में रहा हो.
4. निमोनिया या डायरिया का मरीज़ हो.
कैसे फैलता है कोरोना
भारत सरकार अलग-अलग माध्यम से लगातार लोगों को जागरुक कर रही है. लोगों को घरों में ही रहने के लिए कहा जा रहा है, हाथ धुलते रहने के लिए कहा जा रहा है. प्रधानमंत्री खुद जनता कर्फ्यू की अपील कर चुके हैं. लोगों को सतर्क रहने की ज़रुरत है. लोगों में कई तरह का भ्रम भी पैदा हो गया है ऐसे में यह समझना बेहद ज़रुरी है कि कोराना वायरस आखिर फैलता कैसे है.सबसे पहली बात कोरोना वायरस हवा के ज़रिए नहीं फैलता है यह रोगी की नाक या मुँह से निकलने वाली छींटों से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुँचता है. रोगी के मुँह या नाक से निकली छींटें किसी भी वस्तु या सतह पर जम जाती हैं जिसका असर काफी घंटों तक उस वस्तु या उस सतह पर रहता है। दूसरा व्यक्ति इसे छू लेता है और फिर मुँह या नाक तक अपने हाथों को ले जाता है। जिससे यह वायरस का असर उस व्यक्ति पर भी देखने को मिलता है। और वह व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है. इसीलिए सरकार लगातार लोगों से सेनेटाइजर और साबुन से हाथ धुलने की अपील कर रही है।
अब आपको खुद ही अपना ख्याल रखना है। वस्तु कोई भी हो दरवाज़ा, कुर्सी, किताब, मोबाईल, सिक्के, नोट, लिफ्ट कुछ भी हो जो भी छुएं उसके बाद हाथों को ज़रुर धुलें, अपने लिए धुलें अपने परिवार वालों के लिए धुलें मगर धुलें ज़रुर.......
अफवाहों से बचें
कोरोना वायरस की भारत में इंट्री हुयी तो साथ-साथ अफवाहों का बाज़ार भी खूब गर्म हो गया, कोई गर्मी से कोरोना के निजात की बात कर रहा है तो कोई बर्फ से कोरोना के सही हो जाने की डीलें छोड़ रहा है. हद तो यह है कि भारत सरकार का कोई मंत्री गो कोरोना गो के नारे लगा रहा है तो कोई जादू-टोना के ज़रिये इसके इलाज का दावा कर रहा है. आपको इनके बहकावे में नहीं आना है और सोचना है कि जब पूरा विश्व इस वायरस के सामने हाथ खड़े कर रहा है तो ऐसे में ये जाहिलाना रवैया नाकाबिले कबूल है. ये महज एक भ्रम ही है कि इसका शिकार होने वाला हर मरीज़ मर ही जाता है ऐसा नहीं है आँकड़ें कहते हैं कि इसके शिकार महज 2 से 3 फीसदी मरीज ही हो रहे हैं. ऐसे में डरिये मत बस सतर्क रहिये. ये मत सोचिए कि जनता कर्फ्यू सिर्फ रविवार को है बाकि दिन घूम सकते हैं नहीं ऐसा हरगिज़ नहीं करना है क्या करना है, बस ये करना है-1. भीड़भाड़ वाली जगहों पर कतई नहीं जाना है.
2. जिससे भी मिलना है कम से कम 2 फिट की दूरी बनाए रखना है.
3. 12 साल से कम और 60 साल से अधिक आयु वर्ग वालों को घर से ही नहीं निकलने देना है उनका घर पर ही ख्याल रखना है.
4. अगर सर्दी या ज़ुखाम है या फिर खाँसी आ रही है तो मास्क का प्रयोग ज़रूर करना है और डाक्टर से सलाह लेनी है.
5. हाथों को साफ करते रहना है सेनेटाइजर नहीं है तो कोई बात नहीं साबुन का इस्तेमाल करिये मगर करिये ज़रूर.
6. अगर बहुत ज़रुरी न हो तो घर से बाहर नहीं निकलना है.
7. किसी भी अन्य व्यक्ति का कोई सामान उपयोग में नहीं लाना है. मसलन किसी का मोबाईल वगैरह नहीं छूना है.
8. गंदगी में न तो रहना है और न ही गंदगी को फैलाना है.
9. ऐसी चीज़ों से परहेज करना है जो बिमारियों को दावत देती हैं मसलन तरल पदार्थ वगैरह क्योंकि इस वक्त आपको अस्पतालों के चक्कर बिल्कुल भी नहीं काटने चाहिए यह नुकसानदेह हो सकता है.
10. आप सत्तादल के साथ हों या विरोधी हों सरकार जो भी नियम या अपील जारी करती है तो उसका पूरी ज़िम्मेदारी के साथ पालन भी करना है.
- मशाहिद अब्बास
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