बैंको के लोन देने का विज्ञापन आपने जरूर देखे होगें। इन विज्ञापनो को देखकर एक बार तो हम जैसे आम आदमी को तसल्ली जरूर मिलती है की कहीं लोन लेकर छोटे कारोबार को आगे बढ़ा सकते हैं। जब लोन के पुछताछ के लिए बैंक मैनेजर से बात का सिल-सिला शुरू होता हुआ ,आखिरकार यह बात का सिल-सिला निराशा का मोड़ ले लेता हैं। कह देते है मेरा ट्रान्सफर होने वाले है या अभी काम ज्यादा हैं एक महीने बाद आना ,इस तरह के न जाने मैनेजर और क्या क्या बहाना बनाता हैं। मेरे साथ भी यही हुआ जब मै अपनी SBI होम ब्रांच(घर के नजदीक) में कॉलेज के द्वारा भेजे कागजात लेकर पत्रकारिता की स्नातक डिग्री के लिए लोन लेने गया। आखिर क्यो आम आदमी के साथ यह छलावा किया जा रहा हैं। बड़े बड़े उद्योगपत्तियो को हजार करोड़ो में लोन आसानी से मिल जाता हैं। हम जैसे को केवल 4 लाख का लोन देने से भी कतराते हैं, जबकि हम लोन की सारी शर्ते पुरी करते । अभी विजय माल्या के बाद नीरव मोदी 11400 करोड़ के आस पास की बड़ी रकम लोन के रूप में डकार कर विदेश भाग गया। उसकी सारी संपति जब्त करे तो भी लोन उसका मात्र 20% रूपया कवर होगा ब...
अणदाराम बिश्नोई का ब्लॉग