झालरापाटन सीट वैसे तो वसुंधरा राजे के गढ़ के तौर पर देखी जाती है ...यहां मैं इस सीट को बीजेपी का गढ़ नहीं कह रहा हूं, ये ध्यान देने लायक है ...वहीं इस सीट पर मानवेंद्र सिंह के उतरने से क्या वसुंधरा राजे का तिलिस्म टूट जाएगा या फिर मानवेंद्र का स्वाभीमान धराशाही हो जाएगा ...इसको समझने के लिए पहले आपको यहां के जातिगत समीकरण समझने होंगे
जातिगत समीकरण :
अब आपको वो मुद्दे बताते हैं जो वसुंधरा या मानवेंद्र किसी को भी जिता सकते हैं या फिर हरा सकते हैं ...
वसुंधरा राजे के पक्ष व विरोध में
पक्ष में :
1. वर्तमान मुख्यमंत्री होना उनके पक्ष में है
2. 3 बार पहले भी जीत चुकी हैं, जातिगत समीकरणों को अपने और पुत्रवधु के रिश्तों के साथ साधती हैं
3. झालरापाटन में कार्यकर्ताओं पर अच्छी पकड़ है
4. झालरापाटन के विकास में अच्छी भूमिका निभाई है
5. जाट, राजपूत और गुर्जर जाति को रिश्तों के जरिए साधती हैं
विरोध में :
1. एंटी इंक्बेंसी वसुंधरा के खिलाफ जा सकती है
2. फिल्म पद्मावत और आनंदपाल प्रकरण के बाद राजपूत बीजेपी से नाराज हैं
3. 2 अप्रैल का दलित आंदोलन बीजेपी के खिलाफ काम करेगा
4. सचिन पायलट का गुर्जर होना और मानवेंद्र का राजपूत होना ..गुर्जर और राजपूत वोटों को प्रभावित करेगा
5. मुस्लिम वोट बीजेपी से इतर कांग्रेस के साथ जा सकता है
6. झालरापाटन में दलित, राजपूत, मुस्लिम और दांगी मिलकर वसुंधरा को हरा सकते हैं
मानवेंद्र के पक्ष-विरोध में क्या है ?
पक्ष में :
1. मानवेंद्र स्वाभीमान के नाम पर राजपूत वोट हासिल कर सकते हैं
2. मानवेंद्र कांग्रेस की वजह से मुस्लिम वोट हासिल कर सकते हैं
3. दलितों की बीजेपी से नाराजगी मानवेंद्र के पक्ष में दिख सकती है
4. मानवेंद्र का इतिहास वसुंधरा राजे पर भारी पड़ सकता है
5. सचिन पायलट अगर झालरापाटन में प्रचार करने पहुंचे तो गुर्जर वोटों को वसुंधरा से छिना जा सकता है
6. गुर्जर, राजपूत, दांगी और मुसलमान और दलित मानवेंद्र को आसानी से जिता देंगे
विरोध में :
1. मुख्यमंत्री के खिलाफ मैदान में आना ही मानवेंद्र के विरोध में है
2. बाडमेर से आकर झालरापाटन में चुनाव लड़ना मानवेंद्र को कमजोर बनाता है
3. झालरापाटन में कांग्रेस के संगठन का कमजोर होना भी मानवेंद्र के खिलाफ है
4. जनता के साथ जुड़ना मानवेंद्र के लिए बड़ी चुनौती होगी
5. मानवेंद्र का नाम मुख्यमंत्री की रेस से बाहर होना भी मानवेंद्र को साधारण बनाता है
निष्कर्ष - वसुंधरा अगर हारती है तो हार के पीछे राजपूत और दलित आक्रोश और मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण होगा और अगर मानवेंद्र हारते हैं तो इसके पीछे उनका झालरापाटन से जुड़ाव ना होना होगा ...लेकिन ये तय है कि मुकाबला आसान नहीं रहेगा .....
✍ सीनियर न्यू़ज एंकर एवं फर्स्ट इंडिया न्यूज राजस्थान के सब-एडिटर विजेन्द्र सोलंकी जी की एफबी वॉल से अनुमति के तहत
↔↔↔↔↔↔
🆓 आप अपना ई- मेल डालकर हमे free. में subscribe कर ले।ताकी आपके नई पोस्ट की सुचना मिल सके सबसे पहले।
⬇⏬subscribe करने के लिए इस पेज पर आगे बढ़ते हुये ( scrolling) website के अन्त में जाकर Follow by Email लिखा हुआ आयेगा । उसके नीचे खाली जगह पर क्लिक कर ई-मेल डाल के submit पर क्लिक करें।⬇⏬
फिर एक feedburn नाम का पेज खुलेगा। वहां कैप्चा दिया हुआ होगा उसे देखकर नीचे खाली जगह पर क्लिक कर उसे ही लिखना है। फिर पास में ही " ♿complate request to subscription" लिखे पर क्लिक करना है।
उसके बाद आपको एक ई मेल मिलेगा। जिसके ध्यान से पढकर पहले दिये हुये लिंक पर क्लिक करना है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Thanks to Visit Us & Comment. We alwayas care your suggations. Do't forget Subscribe Us.
Thanks
- Andaram Bishnoi, Founder, Delhi TV