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कभी रेल्वे ट्रैक के पास झोपड़-पट्टी मे पला-बढ़ा ,आज बिखेर रहा बॉलीवुड फिल्मो में जलवा

बॉलीवुड का वह हीरो ,जो Real Life में भी हीरो ! गुलाब सलाट इन्ही का नाम हैं। एक ऐसा हीरो जिनका जीवन गरीबी मे बिता।

कहते है ना ,की मेहनत करते है तो कुछ भी असंभव नहीं हैं। यही कहावत गुजराती व बॉलीवुड का उभरता सितारा गुलाब सलाट पर फिट बैठती हैं। मेहनत का रंग क्या होता है यह आप इनसे पुछियें। कभी रेल्वे ट्रैक के पास झुग्गी झोपड़ी मे पला-बढ़ा लड़का आज बॉलीवुड की फिल्मो में काम कर चुके हैं।


झुग्गी से निकल कर एक्टीग तक का सफ़र
गुलाब सलाट का जन्म एक गरीब परिवार के घर में हुआ। बचपन उनका गुजरात के आनन्द शहर की रेल्वे पटरी के पास बनी झुग्गी झोपड़ी मे बीता क्योकि उनके पिताजी तम्मा भाई सलाट एक गरीब मजदुर थे। शुरू में बहुत ही कम दिहाड़ी मजदुरी करके कमा पाते थे। जिसके चलते केवल दो जुन रोटी का ही जुगाड़ हो पाता था।
          
              परन्तु गुलाब ने बचपन से ही एक सफल बॉलीवुड एक्टर बनने का सपना देखना शुरू कर दिया था। गुलाब कहते है "मेरे पिताजी बहुत गरीब थे तथा उनकी एक ही ख्वाहिश थी कि मेरा बेटा बड़ा बनकर एक अच्छा फिल्मों का हीरो बनकर एक्शन  दिखाएं
परिवार में माता-पिता के अलावा तीन बहने और तीन भाई  , फिर भी गुलाब के पिताजी ने गुलाब के सपने को सच करने के लिये रात-दिन मेहनत की। उसे मार्शल आर्ट सिखने के लिए बड़ी रकम देकर एक मार्शल आर्ट इन्स्टीट्युट में दाखिला दिलाया, क्योकि गुलाब के पिताजी का मानना था कि अच्छे फिल्म कलाकार के लिए मार्शल आर्ट की कलाकारी आना जरूरी हैं। पाँच साल तक लगातार मार्शल आर्ट मे अभ्यास करने के बाद , सेकेण्ड डेन बेल्ट की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद डांस क्लास भी लेना शुरू किया। इस तरफ काफी मेहनत के बाद गुलाब ने एक हीरो के लिये आवश्यक स्कील्स चाहिएँ, वो सभी हासिल की। फिल्म में काम के लिए पिताजी के साथ मायानगरी व फिल्मनगरी मुंबई गये।

पहले ही कदम में मिला धोखा !
पिताजी तम्मा भाई फिल्म में काम दिलवाने के सिलसिले मुंबई गये तो उन्हे वहां एक फ्रॉड फिल्म डायरेक्टर अशोक से मुलाकात हुई। उन्होने काम का झांसा देकर 15000/- रूपये नकद लिया । परन्तु काम नही दिया और पैसा लेकर रफूचक्कर हो गया।
इधर-उधर और कोशिश की ताकि कहीं फिल्म मे काम मिल जाये । कोई काम नही मिला और इस तरह से सारी कोशिशे बेकार गई । यहां तक की उपर से 15 हजार रूपये और गंवा चुके थे।  इस तरह से पहले ही कदम में धोखा मिला। उसके बाद गुलाब के पिताजी का देहांत हो गया।
गुलाब को अफसोस था कि वो अपने पापा का सपना पुरा नही कर पाया , इसलिए लगातार भारत के हर कोने के फिल्म डायरेक्टर से मिला। फिर भी कोई काम नही मिला । गुलाब ने हार नहीं मानी। क्योकि उसे विश्वास था की एक दिन जरूर काम मिलेगा।

जय जय जगजननी दुर्गा मां से की शुरूआत
गुलाब को आखिर कार एक सिरियल डायरेक्टर के कॉर्डीनेटर के द्वारा Colours चैनल पर आने वाला धार्मिक सिरियल  जय जय जगजननी दुर्गा माँ मे एक अच्छा रोल मिल गया। बाद मै यह सिरियल Sahara One पर आने लगा। इस तरह से गुलाब का फिल्मी करियर शुरू हुआ।
उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नही देखा और लगातार मेहनत करते गया।

गुजराती फिल्मो मे मचाया तहलका
इसके बाद गुलाब की सफलता को देखते हुवें उन्हे कई अच्छे ऑफर्स आने लगे। जिसमें गुजराती फिल्मो का प्रमुख था। 11 गुजराती फिल्मे की, जिनमे कुछ फिल्मों में छोटे रोल निभाये तो कुछ में मुख्य अभिनेता का रोल निभाया।

हिन्दी के अलावा भोजपुरी भी
सबसे बड़ी सफलता गुलाब को तब मिली , जब उसे हिन्दी फिल्मों में काम मिला। सबसे पहली हिन्दी फिल्म सुल्तान प्रॉडक्शन नम्बर 3 थी। उसका बाद मतलबी मूवी की। इस तरह से अबतक 4 हिन्दी फिल्में कर चुके हैं।

हिन्दी के अलावा 2 भोजपुरी फिल्में भी कर चुके हैं। राजू सुपर स्टार और अली द पावर में मुख्य विलन का रोल किया।

यह आ रही अगली फिल्म
हाल ही मार्च 2018 में मीनाक्षी प्रोडक्शन,सुरत की "तेरे इश्क में"  फिल्म मलेशिया में शुट हुई हैं। जो जल्द ही आ रही हैं। इसके अलावा बॉलीवुड डायरेक्टर अबरार खान के निर्देशन में जल्द ही एक और मुवी की शुटीग शुरू होने जा रही हैं।
अणदाराम बिश्नोई

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