जैसे फिल्म की रिलीज तारीख नजदीक आ रही,वैस-वैसे उत्सुकता और ही ज्यादा बढ़ती जा रही है।
परन्तु अब परेशान मत होईये, और शान्ति से इस पोस्ट को पढ़िए! कसम से सारी उत्सुकताओ पर विराम लग जायेगा, मतलब संजय लीला भंसाली ने विवादो के चलते नाम बदलकर पांच बदलाव करने के बाद 25 जनवरी को रिलीज होने से सबसे पहले BBC हिन्दी और सुदर्शन न्युज को दिखाई। जिन्होने जो रिव्यू किया हैं, उसका सटीक विश्लेषण इस प्रकार हैं-
परन्तु अब परेशान मत होईये, और शान्ति से इस पोस्ट को पढ़िए! कसम से सारी उत्सुकताओ पर विराम लग जायेगा, मतलब संजय लीला भंसाली ने विवादो के चलते नाम बदलकर पांच बदलाव करने के बाद 25 जनवरी को रिलीज होने से सबसे पहले BBC हिन्दी और सुदर्शन न्युज को दिखाई। जिन्होने जो रिव्यू किया हैं, उसका सटीक विश्लेषण इस प्रकार हैं-
BBC हिन्दी सेवा का रिव्यू
BBC हिन्दी सेवा के रेडियो के चीफ सम्पादक राजेश जोशी जी ने पद्मावत फिल्म के रिव्यू मे जो बाते कही है,उसमे कही भी आपत्तिजनक सीन का जिक्र नहीं हैं और तो और जोशी खुद ने कहा की फिल्म में जो हमें दिखाया उसको देखकर विवाद का कही सवाल ही नही उठता हैं।
इसमे क्षत्रियो को और ज्यादा भंयकर क्षत्रिय दिखाया गया और अलाउद्दीन खिलजी को एक राक्षस की तरह दिखाया गया है।
यानी आप इसे एक उदाहरण से समझीये, मान लो की आप एक भलाई करने वाले इंसान है और आप के भलाई कार्यो को फिल्म बनाकर ऐसा दर्शाया जाता है कि आप बहुत ही ज्यादा भलाई करने वाले इंसान हैं, यानी बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया। तो आप खुद सोचिये की इसमें आप को क्या बुरा लगेगा, उपर से आपको गर्वान्वित होना चाहिए।
यही पद्मावत फिल्म में दर्शाया गया है ,यानी अलाउद्दीन खिलजी को और अधिक जलाल दिखाया गया है तथा पद्मनी को और अधिक पद्मनी के रूप में पेश किया गया है।
यही पद्मावत फिल्म में दर्शाया गया है ,यानी अलाउद्दीन खिलजी को और अधिक जलाल दिखाया गया है तथा पद्मनी को और अधिक पद्मनी के रूप में पेश किया गया है।
🔊 फिल्म से यह निकलती है भावनाएँ
राजपुत को शौर्यवीर की तरह दिखाया गया हैं। पीठ के पीछे वार न करने वाला और सामने से वार करना वाला दिखाया हैं। जब दुश्मन भी घर पर मेहमान के रूप आ जाये तो बर्ताव राजपुतो का दुश्मन के साथ ,दुश्मन के रूप न दिखाकर , मेहमान वाजी से दिखाया गया हैं। और राजपुतो की यही तो विशेषताएँ है। जो इस फिल्म में दिखाया गया हैं। फिल्म को देखने के बाद कुछ इस तरह की भावना निकलती हैं।
इस फिल्म मे किस्सा इस प्रकार है-
"अलाउद्दीन खिलजी चितौड़गढ़ आता है और मेहमान के रूप मे व्यवहार होता है। परन्तु अलाउद्दीन पद्मनी की झलक पाना चाहता हैं तथा महल की तरफ बढ़ने लगता है परन्तु रतन सिंह यह कहकर रोक देता है की आप एक मेहमान के रूप मे आये ,उसी रूप मे रहे और वापस चले जाये। परिवार के किसी सदस्य को बुरी नजर से देखा तो यही आपका सिर काट दिया जाएगा,क्योकि हम जान गवाने को तैयार हैं परन्तु अपना मान नहीं ।"
🔊 घुमर गाना कैसा?
जहां तक विवादो की बात है तो विवाद अकसर फिल्म को प्रमोट करने के लिए किये जाते हैं। यही रणनीति शायद भंसाली ने भी इस फिल्म में अपनाई,पद्मावत को देखकर लग रहा हैं।
घुमर गाने में यह विवाद था कि पद्मनी का रोल करने वाली दीपिका पादुकोण की कमर नंगी थी। परन्तु अब ऐसा नहीं हैं,शायद डिजीटल टेक्नॉलॉजी से ढंग दिया गया हैं।
राजेशी बताते है की मैने बड़े ध्यान से देखने की कोशिश की ,आखिर यह कमर कैसे ढ़की गई है।लेकिन कुछ भी मालुम नही पड़ा। बस सामान्य दिख रहा है की परिधान से कमर ढंकी हुई हैं।
🔊 नहीं हैं खिलजी व पद्मनी एक फ्रेम में
पहले विवाद इस बात को लेकर था की सपने में खिलजी रानी पद्मनी को देखता है तो इसे चित्रण रूप कर एक प्रेम में दिखाया गया था।
परन्तु अब कोई भी ऐसा सीन नही है जिसमें रानी पद्मनी व खिलजी को एक रूप में दिखाया गया हो।
🔊 टेक्नोलॉजी जबरदस्त
यह फिल्म रामलीला की तरह है। इसमें टेक्नोलॉजी का भरपुर उपयोग कर उसी दशक में ले जाने की कोशिश की गई हैं। युद्धो की गुंजती रणभेरी सुनकर ऐसा लगता है मानो आप एक युद्ध के प्रत्यक्षदर्शी बन रहे हो।
3D मे देखा तो यही लग रहा था।
सुदर्शन न्युज का रिव्यू
सुदर्शन न्युज चैनल के प्रधान सम्पादक सुरेश चव्हाके जी ने फिल्म देखकर आने के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेश की जिससे निम्न बिन्दु उभरकर आते है-
• अबतक का विवाद वाजिब था,उसी के बदोलत भंसाली ने फिल्म का नाम बदलकर आपत्तिजनर दृश्य हटाये। और कहा- भंसाली हारा, राजपुत जीता।
• रिपोर्टर : क्या अब भी विरोध जारी रहेगा?
चव्हाके: यह तो करणी सेना ही बतायेगी।
• घुमर नृत्य मे पर-पुरूष नहीं है,केवल रावल रतन सिंह हैं।कमर भी एडिटीग कर तकनीकि के माध्यम से ढ़ंक दी गई है।
परन्तु पहले ऐसा नही था।
• कोई भी सीन में पद्मनी व खिलजी एक फ्रेम में नही हैं।
परन्तु पहले ऐसा था।
• अलाउद्दीन खिलजी की पत्नी उसे ऐसा करने से रोकती है,
अब यह ऐसी क्यो दिखाया गया,पता नहीं,शायद सेकुरलिज्म के चलते ऐसा दिखाया गया हैं।
↪↪↪↪↪↪↪↪↪↪↪↪↪↪↪↪↪↪↪
🆓 आप अपना ई- मेल डालकर हमे free. में subscribe कर ले।ताकी आपके नई पोस्ट की सुचना मिल सके सबसे पहले।
⬇⏬subscribe करने के लिए इस पेज पर आगे बढ़ते हुये ( scrolling) website के अन्त में जाकर Follow by Email लिखा हुआ आयेगा । उसके नीचे खाली जगह पर क्लिक कर ई-मेल डाल के submit पर क्लिक करें।⬇⏬
फिर एक feedburn नाम का पेज खुलेगा। वहां कैप्चा दिया हुआ होगा उसे देखकर नीचे खाली जगह पर क्लिक कर उसे ही लिखना है। फिर पास में ही " ♿complate request to subscription" लिखे पर क्लिक करना है।
उसके बाद आपको एक ई मेल मिलेगा। जिसके ध्यान से पढकर पहले दिये हुये लिंक पर क्लिक करना है।
फिर आपका 🆓 मे subscription. पुर्ण हो जायेगा।
आपको यह पोस्ट कैसा लगा, कमेन्ट बॉक्स मे टिप्पणी जरूर कीजिए।।साथ ही अपने दोस्तो के साथ पोस्ट को शेयर करना मत भूले। शेयर करने का सबसे आसान तरीका-
☑ सबसे पहले उपर साइट मे "ब्राउजर के तीन डॉट पर " पर क्लिक करें करें।
☑ फिर "साझा करे या share करें पर " लिखा हुआ आयेगा। उस पर क्लिक कर लिंक कॉपी कर ले।
☑ फिर फेसबुक पर पोस्ट लिखे आप्शन में जाकर लिंक पेस्ट कर दे।इसी तरह से whatsapp. पर कर दे।
❓आखिर शेयर क्यो करे ❔- क्योकी दोस्त इससे हमारा मनोबल बढ़ेगा।हम आपके लिए इसी तरह समय निकाल कर महत्वपुर्ण पोस्ट लाते रहेगे। और दुसरी बड़ा फायदा Knowledge बांटने का पुण्य। इस पोस्ट को शेयर कर आप भी पुण्य के भागीदार बन सकते है। देश का मनो-विकास होगा ।
तो आईये अपना हमारा साथ दीजिए तथा हमें "Subscribes(सदस्यता लेना) " कर ले अपना ईमेल डालकर।
💪इसी तरह देश हित की कलम की जंग का साथ देते रहे।👊
आपको यह पोस्ट कैसा लगा, कमेन्ट बॉक्स मे टिप्पणी जरूर कीजिए।।साथ ही अपने दोस्तो के साथ पोस्ट को शेयर करना मत भूले। शेयर करने का सबसे आसान तरीका-
☑ सबसे पहले उपर साइट मे "ब्राउजर के तीन डॉट पर " पर क्लिक करें करें।
☑ फिर "साझा करे या share करें पर " लिखा हुआ आयेगा। उस पर क्लिक कर लिंक कॉपी कर ले।
☑ फिर फेसबुक पर पोस्ट लिखे आप्शन में जाकर लिंक पेस्ट कर दे।इसी तरह से whatsapp. पर कर दे।
❓आखिर शेयर क्यो करे ❔- क्योकी दोस्त इससे हमारा मनोबल बढ़ेगा।हम आपके लिए इसी तरह समय निकाल कर महत्वपुर्ण पोस्ट लाते रहेगे। और दुसरी बड़ा फायदा Knowledge बांटने का पुण्य। इस पोस्ट को शेयर कर आप भी पुण्य के भागीदार बन सकते है। देश का मनो-विकास होगा ।
तो आईये अपना हमारा साथ दीजिए तथा हमें "Subscribes(सदस्यता लेना) " कर ले अपना ईमेल डालकर।
💪इसी तरह देश हित की कलम की जंग का साथ देते रहे।👊
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Thanks to Visit Us & Comment. We alwayas care your suggations. Do't forget Subscribe Us.
Thanks
- Andaram Bishnoi, Founder, Delhi TV